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मेसर्स हजारीबाग राइस मिल में गड़बड़ी के आरोप के लिए गठित कमिटियों की रिपोर्ट में विरोधाभास

Vinit Upadhyay Ranchi: हज़ारीबाग के मोरंगी स्थित हज़ारीबाग राईस मिल की कार्यशौली गंभीर सवालों को जन्म दे रही है वहीं इस राईस मिल को लेकर खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा गठित कमिटी और जिला प्रशासन की कमिटी की रिपोर्ट में भी विरोधाभास दिख रहा है . इसे भी पढ़ें- धान">https://lagatar.in/pax-chairman-who-was-absconding-in-29-lakh-embezzlement-case-arrested-sent-to-jail/10056/">धान

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राईस मिल काफी दिनों से नॉन ऑपरेशनल है

दरअसल मेसर्स हज़ारीबाग राईस मिल के खिलाफ जिला प्रशासन को मिली शिकायत के बाद की गयी. जाँच में यह पाया गया कि यह राईस मिल काफी दिनों से नॉन ऑपरेशनल है और मिल का मुख्य भाग जहां से चावल मिल्ड होकर निकलता है वहां से दुर्गंध आ रही है. इसे भी पढ़ें -सवालों">https://lagatar.in/the-working-style-of-the-jharkhand-jail-administration-is-under-the-scanner-the-contract-of-killing-the-criminals-in-jail/10049/">सवालों

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एक सप्ताह से मिलिंग का कार्य है बंद

हालाँकि मिल संचालक ने जाँच टीम को यह बताया की लगभग एक सप्ताह से मिलिंग का कार्य बंद है. जबकि 1 सितंबर को हज़ारीबाग राईस मिल में जाँच करने गई टीम ने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि नॉन ऑपरेशनल स्थिति में भी CMR यानि कस्टम मिलिंग ऑफ़ राईस का कार्य कैसे होता रहा इसकी जाँच स्पष्ट करने की जरूरत है.

कस्टम मिलिंग ऑफ़ राईस का कार्य कैसे हो सकता है?

हज़ारीबाग राईस मिल लगभग आधा दर्जन से ज्यादा पैक्स से संबंद्ध है और हर वर्ष धान की खरीद करती है,अब सवाल ये उठता है कि जो मिल काफी लम्बे वक़्त से बंद पड़ी हो वहां  CMR यानि कस्टम मिलिंग ऑफ़ राईस का कार्य कैसे हो सकता है? इसे भी पढ़ें -Interview">https://lagatar.in/interview-with-ranchi-model/10050/">Interview

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मिल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग

इस पुरे प्रकरण पर आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज यादव ने राज्य के मुख्य सचिव और खाद्य आपूर्ति विभाग के संज्ञान में लाते हुये मिल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि जिले के कई पदाधिकारियों की मिलीभगत मिल संचालक के साथ है जिसकी वजह से दो जाँच कमिटियों ने दो रिपोर्ट तैयार की है. इसे भी पढ़ें -वन">https://lagatar.in/peepal-tree-not-transplanted-even-after-order-of-forest-department/10046/">वन

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